एनटीपीसी का बढा सम्मान, विंध्याचल यूनिट को मिला स्वर्णशक्ति पुरस्कार


 नई दिल्ली : एनटीपीसी लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कम्पनी है। एनटीपीसी लिमिटेड विश्‍व की 2000 सबसे बड़ी कंपनियों में एनटीपीसी का 400 वां स्‍थान है।  एनटीपीसी लिमिटेड के लिए एक और गौरव का क्षण आया है। मानव संसाधन, सीएसआर एवं मेडिकल के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य 2018-19 के लिए एनटीपीसी विध्याचल को स्वर्णशक्ति पुरस्कार के लिए चुना गया है। पुरस्कार एनटीपीसी मुख्यालय द्वारा दिल्ली के सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह द्वारा केके सिंह क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (उत्तर) एवं कार्यकारी निदेशक (विध्याचल) देबाशीष सेन को प्रदान किया गया। इसमें केंद्र सरकार के सचिव (विद्युत) एसएन सहाय, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एनटीपीसी लिमिटेड गुरदीप सिंह व अन्य प्रमुख उपस्थित रहे। इस वर्ष प्रथम बार मानव संसाधन, सीएसआर एवं मेडिकल की कटेगरी को सम्मिलित किया गया है।











एनटीपीसी लिमिटेड (पूर्व नाम - राष्ट्रीय तापविद्युत निगम) भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कम्पनी है। सन् 2016 में विश्‍व की 2000 सबसे बड़ी कंपनियों में एनटीपीसी का 400 वां स्‍थान है। मई, 2010 को एनटीपीसी यह प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाली सम्मानित चार कंपनियों में से, एक महारत्न कंपनी बन गई। यह भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है जो मुम्बई स्टॉक विनिमय (Bombay Stock Exchange) में पंजीकृत है। इसमें वर्तमान में भारत सरकार का हिस्सा ८९.५% है। इसकी स्थापना ०७ नवम्बर १९७५ को हुई थी।कंपनी की कुल संस्‍थापित क्षमता 50,750 मेगावॉट (संयुक्‍त उद्यम सहित) है जिसमें पूरे भारत में स्थित 19 कोयला आधारित और 7 गैस आधारित स्‍टेशन शामिल हैं। संयुक्‍त उद्यम के तहत 9 स्‍टेशन कोयला आधारित हैं तथा 11 अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं भी हैं। कंपनी ने वर्ष 2032 तक 1,28,000 मेगावाट की स्थापित विद्युत् क्षमता पैदा करने का लक्ष्य रखा है। इस क्षमता में विविध मिश्रित ईंधन होंगे जिसमे 56% कोयला, 16% गैस, 11% परमाणु ऊर्जा, और हाइड्रो सहित 17% नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत होंगे। वर्ष 2032 तक, गैर जीवाश्म ईंधन आधारित उत्पादन क्षमता एनटीपीसी की पोर्टफोलियो का लगभग 30% होगी।