अमेठी डीएम प्रशांत शर्मा को मिली उनके दुर्व्यवहार की सजा, ट्रेनी पीसीएस को कॉलर से घसीटने का विडियो हुआ था वायरल

New Delhi :
अमेठी से सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की अपने संसदीय क्षेत्र पर, उसके शासनाधिकारियों पर पैनी नजर होती है। बुधवार को आईएएस, अमेठी डीएम, प्रशांत शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह ट्रेनी पीसीएस सुनील सिंह का कॉलर पकड़कर खींचते हुए और विरोध करने वाले लोगों से अभद्रता करते नजर आ रहे थे। अमेठी से सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए डीएम अमेठी को टैग करते हुए लिखा, 'विनयशील एवं संवेदनशील बनें हम यही प्रयास होना चाहिए। जनता के हम सेवक हैं, शासक नहीं इसके बाद डीएम अमेठी के डीएम प्रशांत शर्मा का गुरुवार को ट्रांसफर कर दिया गया।



बता दें कि अमेठी जिले में व्यवसायी सोनू सिंह की हत्या के बाद बुधवार को पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मृतक के परिवार से जिलाधिकारी प्रशांत शर्मा ने अभद्रता की थी। पुलिस पर समय रहते कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए परिजन बुधवार को सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रशांत शर्मा धरना खत्म कराने पहुंचे थे और वहां मृतक के परिवारवालों पर ही भड़क गए। वह लोगों पर चिल्लाते हुए कहा कि हम कोई भगवान तो हैं नहीं, जो मर्डर को रोक लेते। उन्होंने मृतक के भाई और ट्रेनी पीसीएस सुनील सिंह का कॉलर पकड़कर भी खींचा।

डीएम प्रशांत शर्मा के अभद्र व्यवहार का विडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ और लोगों ने उन्हें जमकर निशाने पर लिया। अमेठी से सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने भी डीएम अमेठी को टैग करते हुए लिखा, 'विनयशील एवं संवेदनशील बनें हम यही प्रयास होना चाहिए। जनता के हम सेवक हैं, शासक नहीं' इसके जवाब में सफाई के तौर पर डीएम प्रशांत शर्मा ने सुनील सिंह का ही एक विडियो जारी किया जिसमें सुनील खुद कह रहे थे कि डीएम ने उनसे कोई बदसलूकी नहीं की और जो विडियो वायरल हुआ वह 'एडिटेड' है। हालांकि लोगों ने इसे भी डीएम के दबाव में दिया गया बयान बताया।

गुरुवार को भी सोशल मीडिया पर किरकिरी होते देख शासन ने प्रशांत शर्मा को हटाने का फैसला किया। उन्हें वेटिंग लिस्ट में डालते हुए उनकी जगह अब अरुण कुमार को अमेठी का डीएम बनाया गया है। अरुण कुमार मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) के उपाध्यक्ष थे। उनकी जगह मुरादाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह को एमडीए के उपाध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

अमेठी में हुई यह घटना शासनाधिकारियों के लिए एक सबक की तरह है, जिसमें उन्हें हर हाल में अपना संयम बनाए रखना जरुरी होता है। ऐसे में अमेठी से सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की बात बिलकुल सही है शासन विनयशील एवं संवेदनशील बनें हम यही प्रयास होना चाहिए। जनता के हम सेवक हैं, शासक नहीं