राम मंदिर के ट्रस्ट में मोदी और शाह हों शामिल , विश्व हिंदू परिषद ने दिया सुझाव

New Delhi :
सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर पर आए अभूतपूर्व फैसले के बाद अयोध्या में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जैसा कि आपको मालूम है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है कि सरकार को एक ट्रस्ट बनाना होगा। ऐसे में इस दरम्यान विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्रस्ट में शामिल करने का सुझाव दिया है। मोदी सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ट्रस्ट बनाने के लिए बिल पेश कर सकती है। यह सत्र 19 नवंबर से शुरू हो रहा है और 13 दिसंबर तक चलेगा।

विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि रामजन्मभूमि न्यास के डिजाइन के मुताबिक ही भव्य मंदिर का निर्माण होगा। हालांकि, संगठन ट्रस्ट के गठन में किसी तरह के हस्तक्षेप, सलाह या सुझाव देने से दूर हैं। सब कुछ केंद्र सरकार को तय करना है। कारसेवकपुरम स्थित न्यास की कार्यशाला में 1990 से मंदिर के लिए स्तंभ और शिलाएं तराशी जा रही हैं। कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा ने कहा कि हमारे डिजाइन के हिसाब से निर्माण के बाद मंदिर की लंबाई 268 फीट, चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई 128 फीट होनी चाहिए।

राज्यसभा सांसद और वकील विवेक तन्खा कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। इस वजह से कानून बनाकर ट्रस्ट बनाए जाने की संभावना है। इस संबंध में बिल को संसद के दोनों सदनों से पारित कराना होगा। कानून से अस्तित्व में आने वाला ट्रस्ट स्वायत्तशासी और ज्यादा सुरक्षित होगा।

फैसले के बाद केंद्र ने अयोध्या की अधिगृहित 67 एकड़ जमीन को रामलला विराजमान के नेक्स्ट फ्रेंड त्रिलोकीनाथ पांडेय को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, पांडेय ट्रस्ट के गठन से पहले जमीन की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं। केस में रामलला विराजमान के नेक्स्ट फ्रेंड के तौर पर त्रिलोकीनाथ पक्षकार थे। कानूनी रूप से पांडेय को ही भूमि सौंपी जाएगी। राज्य और केंद्र के अधिकारी जमीन के दस्तावेजों को दुरुस्त करने और भूमि ट्रांसफर करने की प्रक्रिया में जुट गए हैं।

बहरहाल अब सबकी नजरें जा टिकी हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की अगली कार्रवाई पर। क्योंकि हमें पता चला कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ट्रस्ट बनाने के लिए बिल पेश कर सकती है। यह सत्र 19 नवंबर से शुरू हो रहा है और 13 दिसंबर तक चलेगा। ऐसे में अब सबको इंतजार है इस शीतकालीन सत्र का।