अब यूनिफार्म सिविल कोड के लिए मोदी सरकार ने कसी कमर, राजनाथ ने दिए संकेत

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का फैसला दिए जाने के बाद एक बात तो तय है कि बीजेपी ने अब हिंदुत्व के अपने इस सबसे बड़े मुद्दे पर बढ़त कायम कर ली है। वह अब अपने समर्थकों के बीच यह कह सकती है कि उसका वादा पूरा हुआ है। खासकर तब उसने कश्मीर पर धारा 370 के प्रावधानों को भी खत्म कर दिया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के शनिवार के अभूतपूर्व फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ होने के साथ बीजेपी के घोषणा पत्रों में किए जाने वाले तीन अहम वादों में बीजेपी दो वादे पूरे कर चुकी है। अब बीजेपी के नेतृतव वाली मोदी सरकार लगता है, घोषणा पत्र के अपने तीसरे अहम वादे, समान नागरिक संहिता या यूनिफार्म सिविल कोड के लिए रास्ता साफ करने की तैयारी में जुट गयी है। शनिवार को मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने समान नागरिक संहिता का टैग ट्रेंड में ला कर भारतीय जनता पार्टी को उसके वादे की याद दिलायी। शनिवार को ट्विटर पर यूनिफॉर्म सिविल कोड टॉप ट्रेंड्स में शामिल रहा।


साथ इस तरह के लोगों के मिजाज का मौसम  बदलते देख  बीजेपी नेता और समर्थक अब समान नागरिक संहिता की बात भी करने लगे हैं। शीर्ष अदालत के  फैसले के बाद डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने भी इसकी जरूरत बताई। राम मंदिर पर फैसले पर टिप्पणी के बाद पत्रकारों ने जब उनसे कॉमन सिविल कोड पर पूछा तो उन्होंने कहा, 'आ गया समय'। शनिवार को आए शीर्ष अदालत के फैसले ने एक तरह से बीजेपी के लिए अच्छी स्थिति पैदा की है, जिसने इस पर आंदोलन चलाया था और लंबे समय तक राजनीतिक व्यवस्था में अलग-थलग रही। आखिर उसने इस मुद्दे पर एक तरह से जीत हासिल की है और राम मंदिर के निर्माण को राष्ट्रीय आकांक्षा के तौर पर पेश किया है।

बीजेपी को 2014 में अपने दम पर बहुमत मिलने के बाद से एनडीए में उसकी पकड़ खासी मजबूत हुई है और जेडीयू जैसे सहयोगी दलों की वीटो पावर एक तरह से खत्म हुई। इसके बाद अब 2019 में एक बार फिर से पहले से ज्यादा सीटों के साथ सत्ता में लौटने के चलते वह अपने परवान पर है। इसी साल 5 अगस्त को बीजेपी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला लिया था।

हम आपको यह जानकारी दे दें कि दिल्ली हाई कोर्ट में यूनिफॉर्म सिविल कोड की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी. हरिशंकर इस मामले की 15 नवंबर को सुनवाई करेंगे।

अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोध्या पर फैसले ने हिंदुत्व के मुद्दे पर उसकी बढ़त को मजबूत किया है। लेकिन ऐसे में अपने कोर वोटबैंक की जन आकांक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती है। जिस तरह राजनीति की पिच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी बैटिंग कर कर रही है, उससे लगता है कि अब पार्टी यूनिफार्म सिविल कोड का भी दिया गया टारगेट पूरा कर लेगी।