उत्तरप्रदेश सरकार ने उठाया गुड-गवर्नेंस की दिशा में एक कदम, जानिए क्या

लखनऊ


लगता है सरकारें भी अब निजी कंपनियों के मैनेजमेंट के रास्ते चल कर जनतो को गुड-गवर्नेंस देने की भरपूर कोशिश कर रही हैं। इसी लिए उत्तरप्रदेश की योगी सरकार निजी कंपनियों की तर्ज पर एक अहम योजना पर काम कर रही है। हमें मिली जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश सरकार में भी अब सरकारी विभागों में भी अब सेवायोजन आउटसोर्सिंग के जरिए ही की जाएगी। प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। आउटसोर्सिंग कम्पनियां या एजेंसियां सेवायोजन विभाग के पोर्टल sewayojan.up.nic.in पर ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करेंगी। सरकार की भरपूर कोशिश यह रहेगी कि इसमें पूरी पारदर्शिता लाई जाए।

हमें सूचना है कि प्रदेश सरकार के पास तमाम सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई हैं और अभी भी आ रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए भर्ती व काम की निगरानी के साथ पारदर्शिता लाने के लिए नई कार्ययोजना तैयार हो रही है। सेवायोजन विभाग के रोजगार मेला प्रभारी के अमुसार 30 सितम्बर को लखनऊ में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के प्रमुख व अपर सचिवों के साथ हुई बैठक में रूप-रेखा तैयार की गई है। शीघ्र ही इस पर मुहर लग जाएगी। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में यह व्यवस्था शुरू होगी।  सेवायोजन के पोर्टल पर ही एजेंसियें को भर्ती की विस्तृत जानकारी देने के साथ साथ सभी प्रक्रियाओं का भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ पालन भी करना होगा। भर्ती निकलने के बाद आवेदन भी इसी पोर्टल पर ही कराना होगा। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिणाम भी पोर्टल पर निकाला जाएगा। इससे फायदा ये होगा कि सरकार को एक ही जगह पर कुशल अभ्यर्थी मिल जाएंगे।

इससे पहले दिक्कत यह धी कि सरकारी विभागों में पता ही नहीं चलता था कि कब आवेदन फॉर्म जारी किए गए। कई बार कागज पर भर्ती कर्मचारी जितने दिखाए जाते थे, उतने मिलते नहीं थे। इनकी संख्या को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं होती थी। नियुक्ति करने वाली एजेंसियां भर्ती कर्मचारियों को तय मानक से वेतन भी नहीं देती हैं।

बहरहाल, सरकार यदि इस रास्ते को अपना कर कामयाब होती है तो सरकार को एक बड़ी चिंता से मुक्ति तो मिलेगी ही, गुड-गवर्नेंस की दिशा में भी यह एक अच्छा कदम होगा।