बिहार में बहार है, नीतिशे कुमार है, सरकारी ड्राईवरों के लिए बात यह सौ फीसदी सच है

Patna Bureau,

बिहार में बहार है, नीतिशे कुमार है.....यह लाईन और किसी के लिए सही हो या ना हो, सरकारी बाबूओं और मंत्रियों की गाड़ी हांकने वाले के लिए बिलकुल सही है। रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बिहार में सरकारी गाड़ी, जिसकी सवारी मंत्री और बड़े हाकिम करते हैं, के ड्राइवर भी ट्रैफिक के सामान्य नियमों का पालन नहीं करते हैं। यहां तक कि उनमें से कई ऐसे भी हैं, जिन्हें सीट बेल्ट बांधने का तरीका तक मालूम नहीं है। सबसे अचरज की बात यह है कि इस बात की पोल खोली है परिवहन विभाग के ही ऑफिशियल पत्र की ने। पोल खोल करने वाले परिवहन विभाग के ही ऑफिशियल पत्र की एक कॉपी विभाग के प्रधान सचिवों और मंत्रियों के आप्त सचिवों को भी भेजी गई है।

परिवहन विभाग ने पिछले महीने की 17-18 तारीख को सरकारी गाडिय़ों के ड्राइवर के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया था। उस दौरान ड्राइवरों में पाई गई कमियों की एक सूची बनाई गई। वही इस पत्र में दर्ज है। इस हिदायत के साथ कि इन्हें दूर किया जाए। यह भी जानकारी मिली कि गाडिय़ों में निहायत जरूरी कागजात भी नहीं हैं या अपूर्ण हैं। ये कागजात अगर सामान्य नागरिकों की गाडिय़ों में न रहें तो चालान कट जाएगा।

प्रशिक्षण के दौरान पाया गया कि कई सरकारी गाडिय़ों आरसी नहीं हैं। अगर हैं तो उनकी फोटो स्टेट कॉपी ही ड्राइवर के पास उपलब्ध है। कई ड्राइवरों को यह पता ही नहीं था कि प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जैसा कोई कागज भी गाड़ी में रखना है।

कुछ ड्राइवर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ही प्रशिक्षण लेने पहुंच गए थे। और सबसे बड़ी बात कि उन्हें सीट बेल्ट बांधने का कोई अनुभव नहीं था। परिवहन विभाग ने प्रधान सचिवों से आग्रह किया है कि जरूरी कागजातों को गाड़ी में रखने का इंतजाम करें।

आउससोर्सिंग वाले वाहनों के लिए भी इन कागजातों को अनिवार्य बताया गया है। इस तरह की गाडिय़ों में व्यावसायिक निबंधन, इंश्योरेंस, फिटनेस सर्टिफिकेट एवं परमिट की प्रति रखना भी जरूरी है। प्रशिक्षण के दौरान आउटसोर्सिंग वाले वाहनों के कई ड्राइवरों ने इन जरूरी दस्तावेजों के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की।

हमारा सरकार से अनुरोध है कि ऐसी जांच सरकार और भी विभागों में कराए। दावा है कि इससे भी बड़ा पोल खोल सामने आएगा। राज्य में हजारों शिक्षक ऐसे हैं जो तन्ख्वाह तो लेते हैं पर ड़्यूटी पर उनके भूत जाते हैं। सुशासन बाबू बिहार के बच्चों का भविष्य संवारना चाहते हैं शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा काम कर जाइए कि बिहार आपको याद करे।